aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "معتبر"
मिरे ख़ुदा मुझे इतना तो मो'तबर कर देमैं जिस मकान में रहता हूँ उस को घर कर दे
सुना है वो मिरे बारे में सोचता है बहुतख़बर तो है ही मगर मो'तबर ज़्यादा नहीं
शहर में वो मो'तबर मेरी गवाही से हुआफिर मुझे इस शहर में ना-मो'तबर उस ने किया
कोशिशें हम ने कीं हज़ार मगरइश्क़ में एक मो'तबर न हुई
लोग चुन लें जिस की तहरीरें हवालों के लिएज़िंदगी की वो किताब-ए-मो'तबर हो जाइए
हम अपने इश्क़ की अब और क्या शहादत देंहमें हमारे रक़ीबों ने मो'तबर जाना
वो लोग जिन की ज़माना हँसी उड़ाता हैइक उम्र बअ'द उन्हें मो'तबर भी करता है
एक तेरा ग़म जिस को राह-ए-मो'तबर जानेंइस सफ़र में हम किस को अपना हम-सफ़र जानें
हर इक क़यास हक़ीक़त से दूर-तर निकलाकिताब का न कोई दर्स मो'तबर निकला
वो मेरे नाम की निस्बत से मो'तबर ठहरेगली गली मिरी रुस्वाइयों का साथी हो
हवा चली तो कोई नक़्श-ए-मोतबर न बचाकोई दिया कोई बादल कोई शजर न बचा
कैसा अजीब वक़्त है कोई भी हम-सफ़र नहींधूप भी मो'तबर नहीं साया भी मो'तबर नहीं
हमीं से अंजुमन-ए-इश्क़ मो'तबर ठहरीहमीं को सौंपी गई ग़म की पासबानी भी
लफ़्ज़ भी जिस अहद में खो बैठे अपना ए'तिबारख़ामुशी को इस में कितना मो'तबर मैं ने किया
उड़ती सी 'शेफ़्ता' की ख़बर कुछ सुनी है आजलेकिन ख़ुदा करे ये ख़बर मो'तबर न हो
ग़म-ए-हस्ती भला कब मो'तबर होमोहब्बत में न जब तक आँख तर हो
कीजिए किस किस से आख़िर ना-शनासी का गिलाजब किसी ने भी निगाह-ए-मो'तबर डाली नहीं
जिस में छुपा हुआ हो वुजूद-ए-गुनाह-ओ-कुफ्रउस मो'तबर लिबास पे तेज़ाब डाल दो
हमें भी आफ़ियत-ए-जाँ का है ख़याल बहुतहमें भी हल्क़ा-ए-ना-मोतबर में रक्खा जाए
हम से शायद मो'तबर ठहरी सबाजिस ने ये गेसू सँवारे आप के
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