aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "पागल"
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगायूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता हैआग में आग मिलाता है फिर पानी करता है
दिल भी पागल है कि उस शख़्स से वाबस्ता हैजो किसी और का होने दे न अपना रक्खे
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता हैचाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है
अपनी ही तेग़-ए-अदा से आप घायल हो गयाचाँद ने पानी में देखा और पागल हो गया
दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता हैहम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
उम्र का लम्बा हिस्सा कर के दानाई के नामहम भी अब ये सोच रहे हैं पागल हो जाएँ
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता हैमगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
न तुम्हें होश रहे और न मुझे होश रहेइस क़दर टूट के चाहो मुझे पागल कर दो
दिन तो ख़ैर गुज़र जाता हैरातें पागल कर देती हैं
रखो दैर-ओ-हरम को अब मुक़फ़्फ़लकई पागल यहाँ से भाग निकले
ख़्वाब जितने देखने हैं आज सारे देख लेंक्या भरोसा कल कहाँ पागल हवा ले जाएगी
सुब्ह तक रात की ज़ंजीर पिघल जाएगीलोग पागल हैं सितारों से उलझना कैसा
हो गए चुप हमें पागल कह करजब किसी ने भी न समझा हम को
ऐ परिंदो याद करती है तुम्हें पागल हवारोज़ इक नौहा सर-ए-शाख़ शजर सुनता हूँ मैं
दिल का क्या है दिल ने कितने मंज़र देखे लेकिनआँखें पागल हो जाती हैं एक ख़याल से पहले
हम जैसों ने जान गँवाई पागल थेदुनिया जैसी कल थी बिल्कुल वैसी है
नहीं वो इतना भी पागल नहीं थाजो मर जाता मिरी वाबस्तगी में
बिन आवाज़ पुकारें हर-दम नाम तिराशायद हम भी पागल होने वाले हैं
पागल वहशी तन्हा तन्हा उजड़ा उजड़ा दिखता हूँकितने आईने बदले हैं मैं वैसे का वैसा हूँ
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