aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "मदरसा"
गला तो घोंट दिया अहल-ए-मदरसा ने तिराकहाँ से आए सदा ला इलाह इल-लल्लाह
मदरसा मेरा मेरी ज़ात में हैख़ुद मोअल्लिम हूँ ख़ुद किताब हूँ मैं
जब मय-कदा छुटा तो फिर अब क्या जगह की क़ैदमस्जिद हो मदरसा हो कोई ख़ानक़ाह हो
ये मय-कदा है यहाँ हैं गुनाह जाम-ब-दस्तवो मदरसा है वो मस्जिद वहाँ मिलेगा सवाब
'ज़ौक़' जो मदरसे के बिगड़े हुए हैं मुल्लाउन को मय-ख़ाने में ले आओ सँवर जाएँगे
मस्जिद हो मदरसा हो कि मज्लिस कि मय-कदामहफ़ूज़ शर से कुछ है तो घर है चले-चलो
क्या मदरसे में दहर के उल्टी हवा बहीवाइज़ नही को अम्र कहे अम्र को नही
मुज़्दा-बाद ऐ बादा-ख़्वारो दौर-ए-वाइज़ हो चुकामदरसे खोदे गए तामीर मय-ख़ाना हुआ
मय-कदे में मस्त हैं और शोर उन का हाव-हूमदरसे में शैख़ हैं और वाए-वैला तौबा धाड़
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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