आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "महरूम"
शेर के संबंधित परिणाम "महरूम"
शेर
हम ही उन को बाम पे लाए और हमीं महरूम रहे
पर्दा हमारे नाम से उट्ठा आँख लड़ाई लोगों ने
बहादुर शाह ज़फ़र
शेर
तलातुम आरज़ू में है न तूफ़ाँ जुस्तुजू में है
जवानी का गुज़र जाना है दरिया का उतर जाना
तिलोकचंद महरूम
शेर
मिरे सीने में दिल है या कोई शहज़ादा-ए-ख़ुद-सर
किसी दिन उस को ताज-ओ-तख़्त से महरूम कर देखूँ
सरवत हुसैन
शेर
रखे है लज़्ज़त-ए-बोसा से मुझ को गर महरूम
तो अपने तू भी न होंटों तलक ज़बाँ पहुँचा
जुरअत क़लंदर बख़्श
शेर
मिल नहीं पाती ख़ुद अपने-आप से फ़ुर्सत मुझे
मुझ से भी महरूम रहती है कभी महफ़िल मिरी