आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मुशाहिद"
शेर के संबंधित परिणाम "मुशाहिद"
शेर
एक हो जाएँ तो बन सकते हैं ख़ुर्शीद-ए-मुबीं
वर्ना इन बिखरे हुए तारों से क्या काम बने
अबुल मुजाहिद ज़ाहिद
शेर
मिला न घर से निकल कर भी चैन ऐ 'ज़ाहिद'
खुली फ़ज़ा में वही ज़हर था जो घर में था
अबुल मुजाहिद ज़ाहिद
शेर
जो सोते हैं नहीं कुछ ज़िक्र उन का वो तो सोते हैं
मगर जो जागते हैं उन में भी बेदार कितने हैं
अबुल मुजाहिद ज़ाहिद
शेर
कहूँ तो किस से कहूँ अपना दर्द-ए-दिल मैं ग़रीब
न आश्ना न मुसाहिब न हम-नशीं कोई
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शेर
नई सहर के हसीन सूरज तुझे ग़रीबों से वास्ता क्या
जहाँ उजाला है सीम-ओ-ज़र का वहीं तिरी रौशनी मिलेगी