aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "ला-इलाज"
उल्फ़त के बदले उन से मिला दर्द-ए-ला-इलाजइतना बढ़े है दर्द मैं जितनी दवा करूँ
ऐ सोज़-ए-जाँ-गुदाज़ अभी मैं जवान हूँऐ दर्द-ए-ला-इलाज ये उम्र-ए-शबाब है
कर इलाज-ए-जोश-ए-वहशत चारागरला दे इक जंगल मुझे बाज़ार से
गला तो घोंट दिया अहल-ए-मदरसा ने तिराकहाँ से आए सदा ला इलाह इल-लल्लाह
दुनिया तिरे सुराग़ को अब पा गया हूँ मैंलैला से ला-इलाह तलक आ गया हूँ मैं
शहर तलब करे अगर तुम से इलाज-ए-तीरगीसाहिब-ए-इख़्तियार हो आग लगा दिया करो
ख़ुदा को मान कि तुझ लब के चूमने के सिवाकोई इलाज नहीं आज की उदासी का
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