aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "aulaad"
किस शफ़क़त में गुँधे हुए मौला माँ बाप दिएकैसी प्यारी रूहों को मेरी औलाद किया
रहता सुख़न से नाम क़यामत तलक है 'ज़ौक़'औलाद से रहे यही दो पुश्त चार पुश्त
ये तिरे अशआर तेरी मानवी औलाद हैंअपने बच्चे बेचना 'इक़बाल-साजिद' छोड़ दे
अब देखना है मुझ को तिरे आस्ताँ का ज़र्फ़सर को झुका रहा हूँ बड़ी आजिज़ी के साथ
इश्क़ औलाद कर रही है मगरमेरा जीना हराम होता है
ना-ख़लफ़ बस-कि उठी इश्क़ ओ जुनूँ की औलादकोई आबाद-कुन-ए-ख़ाना-ए-ज़ंजीर नहीं
माँ के ख़ुलूस जैसा था मौसम बहार काफ़स्ल-ए-ख़िज़ाँ है सर-फिरी औलाद की तरह
दिल आबाद कहाँ रह पाए उस की याद भुला देने सेकमरा वीराँ हो जाता है इक तस्वीर हटा देने से
मौत का भी इलाज हो शायदज़िंदगी का कोई इलाज नहीं
इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँवगरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैं ने
ईद का चाँद तुम ने देख लियाचाँद की ईद हो गई होगी
मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन लेअब बहुत देर में आज़ाद करूँगा तुझ को
पूछ लेते वो बस मिज़ाज मिराकितना आसान था इलाज मिरा
इस नहीं का कोई इलाज नहींरोज़ कहते हैं आप आज नहीं
हरम-ए-पाक भी अल्लाह भी क़ुरआन भी एककुछ बड़ी बात थी होते जो मुसलमान भी एक
ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी हैउसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है
इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न काक्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम
देखने के लिए सारा आलम भी कमचाहने के लिए एक चेहरा बहुत
दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैंदेखना है खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन
होशियारी दिल-ए-नादान बहुत करता हैरंज कम सहता है एलान बहुत करता है
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