आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "darzii"
शेर के संबंधित परिणाम "darzii"
शेर
बनावट वज़्अ'-दारी में हो या बे-साख़्ता-पन में
हमें अंदाज़ वो भाता है जिस में कुछ अदा निकले
इमदाद अली बहर
शेर
हम भी 'मुनीर' अब दुनिया-दारी कर के वक़्त गुज़ारेंगे
होते होते जीने के भी लाख बहाने आ जाते हैं
मुनीर नियाज़ी
शेर
वही क़ातिल वही मुंसिफ़ अदालत उस की वो शाहिद
बहुत से फ़ैसलों में अब तरफ़-दारी भी होती है
मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद
शेर
दुनिया-दारी तो क्या आती दामन सीना सीख लिया
मरने के थे लाख बहाने फिर भी जीना सीख लिया
ख़लील-उर-रहमान आज़मी
शेर
शह-ए-बे-ख़ुदी ने अता किया मुझे अब लिबास-ए-बरहनगी
न ख़िरद की बख़िया-गरी रही न जुनूँ की पर्दा-दरी रही
सिराज औरंगाबादी
शेर
वफ़ा-दारी ब-शर्त-ए-उस्तुवारी अस्ल ईमाँ है
मरे बुत-ख़ाने में तो काबे में गाड़ो बिरहमन को
मिर्ज़ा ग़ालिब
शेर
बे-क़रारी थी सब उम्मीद-ए-मुलाक़ात के साथ
अब वो अगली सी दराज़ी शब-ए-हिज्राँ में नहीं