aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "gho.Daa"
यक्का उलट के रह गया घोड़ा भड़क गयाकाली सड़क पे चाँद सा चेहरा चमक गया
किस ताज़ा मारके पे गया आज फिर 'ज़फ़र'तलवार ताक़ में है न घोड़ा है थान पर
आए तो यूँ कि जैसे हमेशा थे मेहरबानभूले तो यूँ कि गोया कभी आश्ना न थे
तुम मिरे पास होते हो गोयाजब कोई दूसरा नहीं होता
ढूँडता फिरता हूँ मैं 'इक़बाल' अपने आप कोआप ही गोया मुसाफ़िर आप ही मंज़िल हूँ मैं
ऐ रात मुझे माँ की तरह गोद में ले लेदिन भर की मशक़्क़त से बदन टूट रहा है
उड़ गई यूँ वफ़ा ज़माने सेकभी गोया किसी में थी ही नहीं
जाते हुए कहते हो क़यामत को मिलेंगेक्या ख़ूब क़यामत का है गोया कोई दिन और
गोया तुम्हारी याद ही मेरा इलाज हैहोता है पहरों ज़िक्र तुम्हारा तबीब से
उस ने गोया मुझी को याद रखामैं भी गोया उसी को भूल गया
गूँध के गोया पत्ती गुल की वो तरकीब बनाई हैरंग बदन का तब देखो जब चोली भीगे पसीने में
सफ़र के ब'अद भी मुझ को सफ़र में रहना हैनज़र से गिरना भी गोया ख़बर में रहना है
यूँ चुराईं उस ने आँखें सादगी तो देखिएबज़्म में गोया मिरी जानिब इशारा कर दिया
किसी माशूक़ का आशिक़ से ख़फ़ा हो जानारूह का जिस्म से गोया है जुदा हो जाना
हँस हँस के वो मुझ से ही मिरे क़त्ल की बातेंइस तरह से करते हैं कि गोया न करेंगे
अधर उधर मिरी आँखें तुझे पुकारती हैंमिरी निगाह नहीं है ज़बान है गोया
इस तरह सताया है परेशान किया हैगोया कि मोहब्बत नहीं एहसान किया है
हम भी कहने लगे हैं रात को रातहम भी गोया ख़राब होने लगे
बिजली चमकी तो अब्र रोयायाद आ गई क्या हँसी किसी की
मिलते हैं इस अदा से कि गोया ख़फ़ा नहींक्या आप की निगाह से हम आश्ना नहीं
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