aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "jhamaatii"
अभी रौशन हुआ जाता है रस्तावो देखो एक औरत आ रही है
झूट में शक की कम गुंजाइश हो सकती हैसच को जब चाहो झुठलाया जा सकता है
तुम आसमाँ की बुलंदी से जल्द लौट आनाहमें ज़मीं के मसाइल पे बात करनी है
उम्र का एक और साल गयावक़्त फिर हम पे ख़ाक डाल गया
मैं ने हाथों से बुझाई है दहकती हुई आगअपने बच्चे के खिलौने को बचाने के लिए
शदीद गर्मी में कैसे निकले वो फूल-चेहरासो अपने रस्ते में धूप दीवार हो रही है
ख़मोशी झाँकती है खिड़कियों सेगली में शोर सा फैला हुआ है
सब से पहले दिल के ख़ाली-पन को भरनापैसा सारी उम्र कमाया जा सकता है
और कुछ यूँ हुआ कि बच्चों नेछीना-झपटी में तोड़ डाला मुझे
खिड़कियों से झाँकती है रौशनीबत्तियाँ जलती हैं घर घर रात में
बद्र और महर दो हैं नाम उन केइक जमाली है एक जलाली है
तुम्हारे बा'द बड़ा फ़र्क़ आ गया हम मेंतुम्हारे बा'द किसी पे ख़फ़ा नहीं हुए हम
कोई स्कूल की घंटी बजा देये बच्चा मुस्कुराना चाहता है
कल रात जगाती रही इक ख़्वाब की दूरीऔर नींद बिछाती रही बिस्तर मिरे आगे
छुप गया ईद का चाँद निकल कर देर हुई पर जाने क्योंनज़रें अब तक टिकी हुई हैं मस्जिद के मीनारों पर
मत करो शम्अ कूँ बदनाम जलाती वो नहींआप सीं शौक़ पतंगों को है जल जाने का
अगर हमारे ही दिल में ठिकाना चाहिए थातो फिर तुझे ज़रा पहले बताना चाहिए था
रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगेहर साज़िश के पीछे अपने निकलेंगे
कुछ लोग हैं जो झेल रहे हैं मुसीबतेंकुछ लोग हैं जो वक़्त से पहले बदल गए
ज़िंदगी ऐसे भी हालात बना देती हैलोग साँसों का कफ़न ओढ़ के मर जाते हैं
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