aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "malaal"
मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बसख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भीदिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी
न उदास हो न मलाल कर किसी बात का न ख़याल करकई साल ब'अद मिले हैं हम तेरे नाम आज की शाम है
चेहरे पे सारे शहर के गर्द-ए-मलाल हैजो दिल का हाल है वही दिल्ली का हाल है
कुछ दिन तो मलाल उस का हक़ थाबिछड़ा तो ख़याल उस का हक़ था
दुख उदासी मलाल ग़म के सिवाऔर भी है कोई मकान में क्या
अफ़्सोस उम्र कट गई रंज-ओ-मलाल मेंदेखा न ख़्वाब में भी जो कुछ था ख़याल में
है 'मुनीर' तेरी निगाह मेंकोई बात गहरे मलाल की
इतना तो जज़्ब-ए-इश्क़ ने बारे असर कियाउस को भी अब मलाल है मेरे मलाल का
वो शख़्स जिस को दिल ओ जाँ से बढ़ के चाहा थाबिछड़ गया तो ब-ज़ाहिर कोई मलाल नहीं
ज़माने भर से उलझते हैं जिस की जानिब सेअकेले-पन में उसे हम भी क्या नहीं कहते
जब दिल पे छा रही हों घटाएँ मलाल कीउस वक़्त अपने दिल की तरफ़ मुस्कुरा के देख
किसी को खो के पा लिया किसी को पा के खो दियान इंतिहा ख़ुशी की है न इंतिहा मलाल की
जब मोहब्बत का नाम सुनता हूँहाए कितना मलाल होता है
हम तुम मिले न थे तो जुदाई का था मलालअब ये मलाल है कि तमन्ना निकल गई
कहूँ कुछ उन से मगर ये ख़याल होता हैशिकायतों का नतीजा मलाल होता है
मलाल उस को भी था और उदास हम भी थेये कैसी पहली मुलाक़ात थी कि ग़म भी थे
तिरे जवाब का इतना मुझे मलाल नहींमगर सवाल जो पैदा हुआ जवाब के बाद
है एक उम्र से ख़्वाहिश कि दूर जा के कहींमैं ख़ुद को अजनबी लोगों के दरमियाँ देखूँ
तअल्लुक़ात के तावीज़ भी गले में नहींमलाल देखने आया है रास्ता कैसे
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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