aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "parveen"
वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगामसअला फूल का है फूल किधर जाएगा
हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँदो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं
मैं सच कहूँगी मगर फिर भी हार जाऊँगीवो झूट बोलेगा और ला-जवाब कर देगा
इतने घने बादल के पीछेकितना तन्हा होगा चाँद
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भीदिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी
वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भीइंतिज़ार उस का मगर कुछ सोच कर करते रहे
कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस नेबात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दियाइश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया
कुछ तो तिरे मौसम ही मुझे रास कम आएऔर कुछ मिरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी
अब तो इस राह से वो शख़्स गुज़रता भी नहींअब किस उम्मीद पे दरवाज़े से झाँके कोई
हम तो समझे थे कि इक ज़ख़्म है भर जाएगाक्या ख़बर थी कि रग-ए-जाँ में उतर जाएगा
वो मुझ को छोड़ के जिस आदमी के पास गयाबराबरी का भी होता तो सब्र आ जाता
दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैंदेखना है खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन
अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता हैजाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की
रात के शायद एक बजे हैंसोता होगा मेरा चाँद
यूँ बिछड़ना भी बहुत आसाँ न था उस से मगरजाते जाते उस का वो मुड़ कर दोबारा देखना
बस ये हुआ कि उस ने तकल्लुफ़ से बात कीऔर हम ने रोते रोते दुपट्टे भिगो लिए
मैं फूल चुनती रही और मुझे ख़बर न हुईवो शख़्स आ के मिरे शहर से चला भी गया
लड़कियों के दुख अजब होते हैं सुख उस से अजीबहँस रही हैं और काजल भीगता है साथ साथ
जिस तरह ख़्वाब मिरे हो गए रेज़ा रेज़ाउस तरह से न कभी टूट के बिखरे कोई
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