आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ",MMZ"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम ",mmz"
ग़ज़ल
बस-कि हूँ 'ग़ालिब' असीरी में भी आतिश ज़ेर-ए-पा
मू-ए-आतिश दीदा है हल्क़ा मिरी ज़ंजीर का
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
ये मेरे इश्क़ की मजबूरियाँ मआज़-अल्लाह
तुम्हारा राज़ तुम्हीं से छुपा रहा हूँ मैं
असरार-उल-हक़ मजाज़
ग़ज़ल
फड़क उठ्ठा कोई तेरी अदाए मा-'अरफ़ना पर
तिरा रुत्बा रहा बढ़-चढ़ के सब नाज़-आफ़रीनों में
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
मिरी उल्फ़त तअ'ज्जुब हो गई तौबा मआ'ज़-अल्लाह
कि मुँह से भी न निकले बात और अफ़्साना हो जाए
हफ़ीज़ जालंधरी
ग़ज़ल
मेज़ पर नन्हा सा इक काग़ज़ का टुकड़ा छोड़ कर
ज़िंदगी की हर ख़ुशी वो ना-गहानी ले गया
जहाँगीर नायाब
ग़ज़ल
चश्म-ए-मा रौशन कि उस बेदर्द का दिल शाद है
दीदा-ए-पुर-ख़ूँ हमारा साग़र-ए-सरशार-ए-दोस्त
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
ये फ़लक ये माह-ओ-अंजुम ये ज़मीन ये ज़माना
तिरे हुस्न की हिकायत मिरे इश्क़ का फ़साना
जिगर मुरादाबादी
ग़ज़ल
वूहीं अपनी भी है बारीक-तर-अज़-मू गर्दन
तेग़ के साथ यहाँ ज़िक्र-ए-कमर होता है