आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "اسکول"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "اسکول"
ग़ज़ल
शुक्र करो तुम इस बस्ती में भी स्कूल खुला वर्ना
मर जाने के बा'द किसी का सपना पूरा होता था
अज़हर फ़राग़
ग़ज़ल
न मैं तंदुरुस्त होता न कभी स्कूल जाता
कभी सर में दर्द रहता तो कभी बुख़ार होता
कैफ़ अहमद सिद्दीकी
ग़ज़ल
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया
बच्चों के स्कूल में शायद तुम से मिली नहीं है दुनिया