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ग़ज़ल
हाँ याद मुझे तुम कर लेना आवाज़ मुझे तुम दे लेना
इस राह-ए-मोहब्बत में कोई दरपेश जो मुश्किल आ जाए
बहज़ाद लखनवी
ग़ज़ल
हासिल-ए-वस्ल से दिलकश है मियाँ ख़्वाहिश-ए-वस्ल
हिज्र दरपेश जो है, उस पे गुज़ारा कर लें
राना आमिर लियाक़त
ग़ज़ल
सजी है बज़्म-ए-शबनम तो तबस्सुम काम आएगा
तआरुफ़ फूल का दरपेश है तो चश्म-ए-तर ले जा