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ग़ज़ल
तुम्हें उस से मोहब्बत है तो हिम्मत क्यूँ नहीं करते
किसी दिन उस के दर पे रक़्स-ए-वहशत क्यूँ नहीं करते
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
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तुम्हें उस से मोहब्बत है तो हिम्मत क्यूँ नहीं करते
किसी दिन उस के दर पे रक़्स-ए-वहशत क्यूँ नहीं करते
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
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