आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "قوس_قزح"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "قوس_قزح"
ग़ज़ल
आवारा बे-सम्त हवाएँ आख़िर पहुँचीं बादल तक
धूल के चेहरों को धोएँ अब क़ौस-ए-क़ुज़ह के रंगों से
क़ौस सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
क़ौस-ए-क़ुज़ह से टूट के हर रंग बह गया
ये ज़ुल्म भी तो आसमाँ चुप-चाप सह गया
इफ़तिख़ार अहमद इक़बाल
ग़ज़ल
हिना के क़ौस-ए-क़ुज़ह के शजर के क्या क्या रंग
वो आँख लाई है ज़ंजीर कर के क्या क्या रंग