आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "قوم پرست"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "قوم پرست"
ग़ज़ल
कोई माने न माने हम तो इस तरमीम से ख़ुश हैं
अगर क़ौमी परस्तिश जुज़्व-ए-मिल्लत होने वाली है
नादिर काकोरवी
ग़ज़ल
दिल किए तस्ख़ीर बख़्शा फ़ैज़-ए-रूहानी मुझे
हुब्ब-ए-क़ौमी हो गया नक़्श-ए-सुलैमानी मुझे