आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "مزاج_آدمی"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "مزاج_آدمی"
ग़ज़ल
हँसता हूँ बोलता भी हूँ रोता हूँ सोचता भी हूँ
पूरा मिज़ाज-ए-आदमी सब को दिखा रहा हूँ मैं
क़ासिम याक़ूब
ग़ज़ल
हसरत शादानी
ग़ज़ल
नश्तरी लफ़्ज़ों का लहजा मरहमी रक्खा गया
ज़ख़्म पर मिर्ची से पहले थोड़ा घी रक्खा गया
एख़लाक़ अहमद एख़लाक़
ग़ज़ल
ये हदों हिसार की साअ'तें ये मुतालबे ये क़बाहतें
जो न हों पलों में बटी हुई उसी एक कल की तलाश है
दिलनवाज़ सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
वो ख़्वाब था बिखर गया ख़याल था मिला नहीं
मगर ये दिल को क्या हुआ क्यूँ बुझ गया पता नहीं