आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "پانڈو"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "پانڈو"
ग़ज़ल
छोड़ कर वहम-ओ-गुमाँ हुस्न-ए-यक़ीं तक पहुँचो
पर यक़ीं से भी कभी वहम-ओ-गुमाँ तक आओ
अली सरदार जाफ़री
ग़ज़ल
तलब में सिद्क़ है तो एक दिन मंज़िल पे पहुँचोगे
क़दम आगे बढ़ाओ ख़ुद को अपना रहनुमा समझो
अख़्तर अंसारी अकबराबादी
ग़ज़ल
खुल के रो लेने से दिल हलकान हो जाएगा क्या
मुस्कुरा दूँगा तो सब आसान हो जाएगा क्या