आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "گزرے"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "گزرے"
ग़ज़ल
दाम-ए-हर-मौज में है हल्क़ा-ए-सद-काम-ए-नहंग
देखें क्या गुज़रे है क़तरे पे गुहर होते तक
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
अहमद सलमान
ग़ज़ल
और कुछ देर न गुज़रे शब-ए-फ़ुर्क़त से कहो
दिल भी कम दुखता है वो याद भी कम आते हैं
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
फ़ना बुलंदशहरी
ग़ज़ल
मुझे बे-दस्त-ओ-पा कर के भी ख़ौफ़ उस का नहीं जाता
कहीं भी हादिसा गुज़रे वो मुझ से जोड़ देता है
वसीम बरेलवी
ग़ज़ल
जो हम पे गुज़री है जानाँ वो तुम पे भी गुज़रे
जो दिल भी चाहे तो ऐसी दुआ नहीं करते