आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "करिश्मा-ज़ार"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "करिश्मा-ज़ार"
ग़ज़ल
फ़ना का होश आना ज़िंदगी का दर्द-ए-सर जाना
अजल क्या है ख़ुमार-ए-बादा-ए-हस्ती उतर जाना
चकबस्त बृज नारायण
ग़ज़ल
'ज़फ़र' अपना करिश्मा गर दिखाया चश्म-ए-साक़ी ने
तमाशे जाम-ए-जम के सब नज़र साग़र में आवेंगे
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
फ़क़त जो ज़ात के हैं दिल से चाहने वाले
उन्हें करिश्मा-ओ-नाज़-ओ-अदा से क्या मतलब
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
अजब देखा करिश्मा लफ़्ज़ की बाज़ीगरी का भी
सुख़न मा'दूम हो जाता है शोहरत जाग उठती है