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ग़ज़ल
दर्ज़ तक से अब न फूटेगी तमन्ना की फुवार
चश्मा-ए-ख़्वाहिश पे हम ने दिल का पत्थर रख लिया
अदीम हाशमी
ग़ज़ल
क्या न थी तुम को ख़बर ऐ कज-कलाहान-ए-बहार
बू-ए-गुल के साथ ही फैलेगी ज़िंदानों की बात
वामिक़ जौनपुरी
ग़ज़ल
तुम से एक धनक फूटेगी और कमरे में बिखरेगी
दीवारों पे रंग न रोग़न कुछ भी नहीं है तुम तो हो
स्वप्निल तिवारी
ग़ज़ल
मौसम मौसम यही रहा गर ख़ुशबू की तहक़ीर का रंग
सीसे की कलियाँ फूटेंगी अब लोहे की डालों में
ऐतबार साजिद
ग़ज़ल
तारिक़ बट
ग़ज़ल
हुस्न अगर ज़ंजीर किया है इश्क़ भी फिर ज़ंजीर करो
वर्ना बात बहुत फैलेगी दूर तलक चर्चे होंगे