aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "ain-gain"
रुक के जो साँसें आईं गईं माना कि वो आहें थीं लेकिनआप ने तेवर क्यूँ बदले आहों में किसी का नाम नहीं
आ गई याद शाम ढलते हीबुझ गया दिल चराग़ जलते ही
हुस्न को शक्लें दिखानी आ गईंशोख़ियाँ ले कर जवानी आ गईं
कुछ कहना चाहते थे कि ख़ामोश हो गएदस्तार याद आ गई सर याद आ गया
हमारी ही बदौलत आ गई हैयहाँ तक जो सदाक़त आ गई है
जब खुलीं गुत्थियाँ हक़ीक़त कीधज्जियाँ उड़ गईं शराफ़त की
बात क्या जाने आ गई दिल मेंमाँ मिरा जी नहीं लगा मिल में
आ गई धूप मिरी छाँव के पीछे पीछेतिश्नगी जैसे हो सहराओं के पीछे पीछे
धूप अब सर पे आ गई होगीकुछ नमी दश्त में बची होगी
तिरे आने से हरकत आ गई हैतबीब आ देख रंगत आ गई है
मौत के झूले से बाहर आ गईमैं किसी रिश्ते से बाहर आ गई
मोहब्बत में भी नफ़रत आ गई थीमोहब्बत थी नहीं ये दिल-लगी थी
दर्द की दीवार सर तक आ गईदिल की बीनाई नज़र तक आ गई
मयस्सर आ गई है आगही क्यारुके हैं लोग मंज़िल आ गई क्या
वही इक बात जो आई गई हैबहुत तकलीफ़ पहुँचाई गई है
रौशनी का ग़ुरूर टूट गयाजब दिया बन के आ गई मिट्टी
किरन तो घर के अंदर आ गई थीसुनहरी धूप क्यूँ कजला गई थी
आ गई फिर उन को मेरी याद क्याकर लिया ताज़ा सितम ईजाद क्या
'साज़' आसानी मिरे हाथ आ गईआ गया जिस वक़्त में मुश्किल के हाथ
दयार-ए-ग़ैर में कैसे तुझे सदा देतेतू मिल भी जाता तो आख़िर तुझे गँवा देते
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