आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "al jihad fil islam abul a la maududi ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "al jihad fil islam abul a la maududi ebooks"
ग़ज़ल
दुनिया ने सदा समझा दीवाने को फ़रज़ाना
फ़रज़ाना हक़ीक़त में था सब में जो दीवाना
मौलाना अबुल आला मौदूदी
ग़ज़ल
फूलों की बरसात हुई है और कुछ पत्थर आए हैं
इस बस्ती में हम दीवाने सोच समझ कर आए हैं
नाज़िम जाफ़री
ग़ज़ल
चाँद का रक़्स सितारों का फ़ुसूँ माँगती है
ज़िंदगी फिर कोई अंदाज़-ए-जुनूँ माँगती है
अबु मोहम्मद सहर
ग़ज़ल
ज़ियाँ गर कुछ हुआ तो उतना जितना सूद होता है
यही जो हस्त है इस पल यही तो बूद होता है
शमीम अब्बास
ग़ज़ल
कसरत-ए-वहदानियत में हुस्न की तनवीर देख
दीदा-ए-हक़-बीं से रंग-ए-आलम-ए-तस्वीर देख
शेर सिंह नाज़ देहलवी
ग़ज़ल
हम नहीं मिलते नहीं मिलते हैं हम शाम के बा'द
फिर भी आ जाते हैं कुछ अहल-ए-करम शाम के बा'द
अब्दुल क़ादिर
ग़ज़ल
मैं तुझ से क्या कहूँ कि अभी कल की बात है
हाँ सुब्ह हो रही है मगर फिर भी रात है
अब्दुल क़ादिर अहक़र अज़ीजज़ि
ग़ज़ल
गिरवीदा जिस के हुस्न का सारा जहान है
करते हैं जिस से इश्क़ वो उर्दू ज़बान है
अब्दुल क़ादिर अहक़र अज़ीजज़ि
ग़ज़ल
उम्र-ए-फ़ानी को हयात-ए-जाविदाँ समझा था मैं
थी ख़िज़ाँ जिस को बहार-ए-गुलसिताँ समझा था मैं
अब्दुल क़य्यूम ज़की औरंगाबादी
ग़ज़ल
'सय्यद' तुम्हारे ग़म की किसी को ख़बर नहीं
हो भी ख़बर किसी को तो समझो ख़बर नहीं