आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "daura"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "daura"
ग़ज़ल
तिरे दौर-दौरा-ए-इश्क़ में मिरी एक रंग से कट गई
न सितम हुआ न करम हुआ न जफ़ा हुई न वफ़ा हुई
मुज़्तर ख़ैराबादी
ग़ज़ल
फिर से मुझ को पागल-पन का दौरा पड़ने वाला है
फिर से तुम्हारी यादों की अलमारी खोले बैठा हूँ
तरकश प्रदीप
ग़ज़ल
थम गया दौरा-ए-हयात रुक गई नब्ज़-ए-काएनात
इश्क़-ओ-जुनूँ की गर्मी-ए-हमहमा-ज़ा को क्या हुआ
अब्दुल मजीद सालिक
ग़ज़ल
ये कैसा दौर-दौरा है क़लम-रू-ए-मोहब्बत में
बुतों का हुक्म चलता है ख़ुदा की बात होती है
ऋषि पटियालवी
ग़ज़ल
इल्म का दौरा लहू के साथ रग रग में रहे
जौहर-ए-क़ाबिल अगर हो क़ुव्वत-ए-आमिल बनो
मिर्ज़ा मोहम्मद हादी अज़ीज़ लखनवी
ग़ज़ल
क्या काम इंक़लाब का कुछ भी नहीं यहाँ
दौर-ए-फ़लक के दौरा-ए-साग़र को इत्तिलाअ
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
ग़ज़ब है दौर-दौरा अब ज़माने में जहालत का
सबक़ सीखा नहीं जाता बुज़ुर्गों की नसीहत का
बासिर टोंकी
ग़ज़ल
वाह रे दौरा-ए-शराब ख़ान-क़हें हुईं ख़राब
झूम रहे हैं शैख़-ओ-शाब अब की अजब हवा चली
क़द्र बिलग्रामी
ग़ज़ल
मुहम्मद अय्यूब ज़ौक़ी
ग़ज़ल
था बज़्म-ए-ग़ैर में जो वहाँ शग़्ल-ए-दौर-ए-जाम
दर्द-ए-जिगर का था यहाँ दौरा तमाम रात