आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kaniize.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "kaniize.n"
ग़ज़ल
सायों की ज़द में आ गईं सारी ग़ुलाम-गर्दिशें
अब तो कनीज़ के लिए राह-ए-फ़रार भी नहीं
ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर
ग़ज़ल
कनीज़ों पे भी आ सकता है दिल ज़िल्ल-ए-इलाही का
निज़ाम-ए-इश्क़ में शजरा मुझे अच्छा नहीं लगता
हाशिम रज़ा जलालपुरी
ग़ज़ल
बिखरे जब ख़्वाब तो हालात ने रोने न दिया
उम्र भर ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया