आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kulliyat e nazeer akbarabadi nazeer akbarabadi ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "kulliyat e nazeer akbarabadi nazeer akbarabadi ebooks"
ग़ज़ल
सरापा हुस्न-ए-समधन गोया गुलशन की कियारी है
परी भी अब तो बाज़ी हुस्न में समधन से मारी है
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
उस के शरार-ए-हुस्न ने शो'ला जो इक दिखा दिया
तूर को सर से पाँव तक फूँक दिया जला दिया
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
अल्ताफ़ बयाँ हों कब हम से ऐ जान तुम्हारी सूरत के
हैं लाखों अपनी आँखों पर एहसान तुम्हारी सूरत के
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
तिरे मरीज़ को ऐ जाँ शिफ़ा से क्या मतलब
वो ख़ुश है दर्द में उस को दवा से क्या मतलब
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
उधर उस की निगह का नाज़ से आ कर पलट जाना
इधर मरना तड़पना ग़श में आना दम उलट जाना
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
आग़ोश-ए-तसव्वुर में जब मैं ने उसे मस़्का
लब-हा-ए-मुबारक से इक शोर था ''बस बस'' का
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
नहीं हवा में ये बू नाफ़ा-ए-ख़ुतन की सी
लपट है ये तो किसी ज़ुल्फ़-ए-पुर-शिकन की सी
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
दोस्तो क्या क्या दिवाली में नशात-ओ-ऐश है
सब मुहय्या है जो इस हंगाम के शायाँ है शय
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
गले से दिल के रही यूँ है ज़ुल्फ़-ए-यार लिपट
कि जूँ सपेरे की गर्दन में जाए मार लिपट
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
कल नज़र आया चमन में इक अजब रश्क-ए-चमन
गुल-रुख़ ओ गुल-गूं क़बा ओ गुल-अज़ार ओ गुल-बदन
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
देख अक़्द-ए-सुरय्या हमें अंगूर की सूझी
क्यूँ बादा-कशाँ हम को भी क्या दूर की सूझी