आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kuu-e-KHaak"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "kuu-e-KHaak"
ग़ज़ल
नस्ब करें मेहराब-ए-तमन्ना दीदा ओ दिल को फ़र्श करें
सुनते हैं वो कू-ए-वफ़ा में आज करेंगे नुज़ूल मियाँ
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
दयार-ए-दोस्त में उश्शाक़ बेचारे जहाँ बैठे
पकड़ कर कान उठाया ख़ाक-रूब-ए-कू-ए-जानाँ ने
शौक़ बहराइची
ग़ज़ल
गौरय्यों ने जश्न मनाया मेरे आँगन बारिश का
बैठे बैठे आ गई नींद इसरार था ये किसी ख़्वाहिश का
बद्र-ए-आलम ख़लिश
ग़ज़ल
हमारी ख़ाक-ए-अफ़्सुर्दा सर-ए-कू-ए-बुताँ रख दी
कहाँ की चीज़ थी तू ने कहाँ ऐ आसमाँ रख दी
मुसव्विर करंजवी
ग़ज़ल
आले रज़ा रज़ा
ग़ज़ल
कोई दीवाना चला है हश्र में इस वज़्अ' से
चाक ता-दामन गरेबाँ मुँह पे ख़ाक-ए-कू-ए-दोस्त
मिर्ज़ा अल्ताफ़ हुसैन आलिम लखनवी
ग़ज़ल
चलते हैं कू-ए-यार में है वक़्त-ए-इम्तिहाँ
हिम्मत न हारना दिल-ए-बीमार देखना
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
सुब्ह कू-ए-यार में बाद-ए-सबा पकड़ी गई
या'नी ग़ीबत में गुलों की मुब्तला पकड़ी गई