आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "nizaam e aasmani ki mukhalfat aur us ka pas e manzar al maseehus sani ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "nizaam e aasmani ki mukhalfat aur us ka pas e manzar al maseehus sani ebooks"
ग़ज़ल
तिरे है ज़ुल्फ़ ओ रुख़ की दीद सुब्ह-ओ-शाम आशिक़ का
यही है कुफ़्र आशिक़ का यही इस्लाम आशिक़ का
शाह नसीर
ग़ज़ल
जो अपनी ही रही न ऐसी बेगानी पे ला'नत हो
कि उस के मक्र पर और उस की नादानी पे ला'नत हो
मंज़र सुहैल
ग़ज़ल
दिल मिरा रक़्साँ है जब से अक़्ल इस शोरिश में है
लर्ज़िश-ए-पा आसमाँ या ये जहाँ लर्ज़िश में है
अश्क अलमास
ग़ज़ल
लकड़ी की दो मेज़ें हैं इक लोहे की अलमारी है
इक शाइर के कमरे जैसी हम ने उम्र गुज़ारी है