आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sukhan mere tumhare darmiyan akbar ali khan arshi zadah ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "sukhan mere tumhare darmiyan akbar ali khan arshi zadah ebooks"
ग़ज़ल
ये शौक़ सारे यक़ीन-ओ-गुमाँ से पहले था
मैं सज्दा-रेज़ नवा-ए-अज़ाँ से पहले था
अकबर अली खान अर्शी जादह
ग़ज़ल
सिखा सकी न जो आदाब-ए-मय वो ख़ू क्या थी
जो ये न था तो फिर इस दर्जा हाव-हू क्या थी