आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "tafseer e ghalib gyan chand ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "tafseer e ghalib gyan chand ebooks"
ग़ज़ल
सोच रहा है इतना क्यूँ ऐ दस्त-ए-बे-ताख़ीर निकाल
तू ने अपने तरकश में जो रक्खा है वो तीर निकाल
शाहिद कमाल
ग़ज़ल
कोई 'ग़ालिब' जानता है कोई 'ख़ाक़ानी' मुझे
हाए दुनिया कैसे पहचानी जो पहचानी मुझे
ताहिर सऊद किरतपूरी
ग़ज़ल
आज आया है मेरे आगे एक बड़ा गम्भीर सवाल
उस की हर तहरीर तलब है उस की हर तक़रीर सवाल
सय्यद अहमद सहर
ग़ज़ल
बन के किस शान से बैठा सर-ए-मिंबर वाइ'ज़
नख़वत-ओ-उज्ब हयूला है तो पैकर वाइ'ज़