आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ",Yms"
नज़्म के संबंधित परिणाम ",yms"
नज़्म
जहाँ का ज़र्रा ज़र्रा यास बरसाए तो आ जाना
दर-ओ-दीवार पर अंदोह छा जाए तो आ जाना
राजेन्द्र नाथ रहबर
नज़्म
अपने मुस्तक़बिल से ताग़ूती तमद्दुन को है यास
दीदनी है दुश्मन-ए-इंसानियत का इज़्तिराब