आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "خضر"
नज़्म के संबंधित परिणाम "خضر"
नज़्म
देखता है तू फ़क़त साहिल से रज़्म-ए-ख़ैर-ओ-शर
कौन तूफ़ाँ के तमांचे खा रहा है मैं कि तू
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
अंजुम-ए-कम-ज़ौ गिरफ़्तार-ए-तिलिस्म-ए-माहताब
देखता क्या हूँ कि वो पैक-ए-जहाँ-पैमा ख़िज़्र
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
जिन्हें मुज़्महिल दिलों ने अबदी पनाह जाना
थके-हारे क़ाफ़िलों ने जिन्हें ख़िज़्र-ए-राह जाना
साहिर लुधियानवी
नज़्म
मसीह ओ ख़िज़्र की कहने को कुछ कमी ही नहीं
गुज़र भी जा कि तिरा इंतिज़ार कब से है
मख़दूम मुहिउद्दीन
नज़्म
کنار دريا خضر نے مجھ سے کہا بہ انداز محرمانہ
سکندري ہو، قلندري ہو، يہ سب طريقے ہيں ساحرانہ
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
जादा-पैमा के लिए ख़िज़्र हो तुम ये रहज़न
तुम हो ख़िर्मन के निगहबान ये बर्क़-ए-ख़िर्मन
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
अब्बास ताबिश
नज़्म
न उम्र-ए-ख़िज़्र न शोहरत न ख़्वाब की ता'बीर माँगूँगा
न दुश्मनों के ज़रर से न शर से दोस्तों के
अबु बक्र अब्बाद
नज़्म
एक ख़िज़्र-ए-अस्र-ए-हाज़िर इक कलीम-ए-अहद-ए-नौ
एक सद्र-ए-महफ़िल-ए-रुहानियाँ पैदा हुआ