आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "خموش"
नज़्म के संबंधित परिणाम "خموش"
नज़्म
जिन के हंगामे अभी दरिया में सोते हैं ख़मोश
कश्ती-ए-मिस्कीन-ओ-जान-ए-पाक-ओ-दीवार-ए-यतीम
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
उफ़ुक़ पे डूबते दिन की झपकती हैं आँखें
ख़मोश सोज़-ए-दरूँ से सुलग रही है ये शाम!
फ़िराक़ गोरखपुरी
नज़्म
ये चाँदनी ये हवाएँ ये शाख़-ए-गुल की लचक
ये दौर-ए-बादा ये साज़-ए-ख़मोश फ़ितरत के