आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "پرسے"
नज़्म के संबंधित परिणाम "پرسے"
नज़्म
परे है चर्ख़-ए-नीली-फ़ाम से मंज़िल मुसलमाँ की
सितारे जिस की गर्द-ए-राह हों वो कारवाँ तो है
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
घर-बार अटारी चौपारी क्या ख़ासा नैन-सुख और मलमल
चलवन पर्दे फ़र्श नए क्या लाल पलंग और रंग-महल
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
गुड़गुड़ाती हुई पान की पीकों में वो दाद वो वाह वा
चंद दरवाज़ों पे लटके हुए बोसीदा से कुछ टाट के पर्दे
गुलज़ार
नज़्म
मौत तज्दीद-ए-मज़ाक़-ए-ज़िंदगी का नाम है
ख़्वाब के पर्दे में बेदारी का इक पैग़ाम है
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
आ ग़ैरियत के पर्दे इक बार फिर उठा दें
बिछड़ों को फिर मिला दें नक़्श-ए-दुई मिटा दें
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
तुम समझती हो कि हैं पर्दे बहुत से दरमियाँ
मैं ये कहता हूँ कि हर पर्दा उठा सकता हूँ मैं