आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "उकताए"
नज़्म के संबंधित परिणाम "उकताए"
नज़्म
जोश मलीहाबादी
नज़्म
दिल के ऐवाँ में लिए गुल-शुदा शम्ओं की क़तार
नूर-ए-ख़ुर्शीद से सहमे हुए उकताए हुए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
दुनिया की महफ़िलों से उक्ता गया हूँ या रब
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
मुलाक़ातों के जब दिन हों ज़माना हो बहारों का
बहार-ए-गुल मुलाक़ातों पे उकसाए तो आ जाना