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नज़्म
बे-शक पढ़ाई है सवा और वक़्त है थोड़ा रहा
है ऐसी मुश्किल बात क्या मेहनत करो मेहनत करो
मोहम्मद हुसैन आज़ाद
नज़्म
ज़बाँ-बुरीदा हूँ ज़ख़्म-ए-गुलू से हर्फ़ करो
शिकस्ता-पा हूँ मलाल-ए-सफ़र की बात सुनो
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
तुम अँधियारों की बात करो हम दीप जलाते जाएँगे
तुम ताबीरें तस्ख़ीर करो हम ख़्वाब जगाते जाएँगे
रेहान अल्वी
नज़्म
नारियल पानी पियो पंखा झलो अख़बार से
क्यों ख़फ़ा होते हो प्यारे बात को समझा करो