aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "पर्चा-ए-अबयात"
परचा-ए-जाँ के हर शुमारे मेंवाहिमा इश्तिहार देता है
पर्दा-ए-वक़्त परएक नौहा लिखो
जिन को आता नहीं दुनिया में कोई फ़न तुम होनहीं जिस क़ौम को परवा-ए-नशेमन तुम हो
परचम-ए-अज़्म लहलहाता हैजारी रहती है जंग-ए-आज़ादी
उठो खुल गया परचम-ए-इंक़लाबनिकलता है जिस तरह से आफ़्ताब
और काग़ज़ पे किसीपर्दा-ए-सीमीं की तरह
पर्दा-ए-ग़ैब मेंगुम-शुदा मंज़िलों की तरफ़
नग़्मा-ए-ज़ीस्त सुनाता ही रहापरचम-ए-इश्क़ उड़ाता ही रहा
है ज़मीं पर्दा-ए-लाला-ओ-नस्तरनआसमाँ पर्दा-ए-कहकशाँ है अभी
इल्म इक परचम-ए-वफ़ा भी हैइल्म आईना-ए-हया भी है
औरतों का कारवाँ पर कारवाँ आने लगाफिर फ़ज़ा में परचम-ए-इनआम लहराने लगा
मिशअल-ए-हर्फ़ लिए परचम-ए-हिम्मत थामेअपने ख़्वाबों के तआक़ुब में रवाँ
या किसी पर्दा-ए-तस्वीर में रू-पोश हो तुम!
पर्दा-ए-सेहर-ओ-असरार से टूट करमक़्तल-ए-आरज़ू बन गए
होती है मोहलत ख़त्मअब तो पर्दा-ए-इख़्फ़ा उठा
तो मिरे पर्दा-ए-ख़्वाब परएक तहरीर मुझ से
हाथ में हो परचम-ए-आज़ादी-ए-हिन्दोस्ताँगा रही हों गीत आज़ादी का हर सू वादियाँ
जहाँ से परचम-ए-दस्त-ए-हुनर बुलंद हुआज़मीं अक़ीदा-ए-फ़र्दा से लाला-रंग हुई
पर्दा-ए-साज़ हर्फ़-ए-मौसीक़ीतुंद रागों का नाचता शो'ला
रौशनी पर्दा-ए-ज़ुल्मत से उभर सकती है
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books