आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "फूलो"
नज़्म के संबंधित परिणाम "फूलो"
नज़्म
हर आन यहाँ सहबा-ए-कुहन इक साग़र-ए-नौ में ढलती है
कलियों से हुस्न टपकता है फूलों से जवानी उबलती है
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
काँटे भी राह में हैं फूलों की अंजुमन भी
तुम फ़ख़्र-ए-क़ौम बनना और नाज़िश-ए-वतन भी