aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "भटकना"
मुझे तितली का फूलों पर भटकना अच्छा लगता हैमुझे बरसात में फैली
भटकना, और सो जाना!गुज़िश्ता शब भी कुछ ऐसी ही हालत थी
जिस्म और जान से आगे भी कोई दुनिया हैऔर उन राहों में तन्हा ही भटकना है मुझे
आ जाए ग़म मत करोउस गली में उड़ कर भटकना है टकराते फिरना है
छुपा के ग़म को मुदावा करनाभँवर की लहरों में ख़ुद भटकना
मौत की वादियों में भटकना पड़ेगामिरा जुर्म ये है कि मैं ऐसे सूरज से पैदा हुआ
कहाँ छोड़ आए हो अपने समुंदर कोतुम्हें यूँ ही भटकना है
कि मैं हवा-ए-दहर हूँभटकना नगर नगर
छोड़ा दुनिया को भटकानागीत कबत और नज़्में ग़ज़लें
देस को बन में जी भटकता रहादिल में काँटा सा इक खटकता रहा
मेरे सब दोस्त उसे देख के कहते होंगेजाने किस देस में बेचारा भटकता होगा
अच्छे-अच्छों को भटका देखाभीड़ में खाते झटका देखा
मैं कि राहों में भटकता ही चला जाता हूँमुझ को ख़ुद मेरी निगाहों से छुपा जाते हैं
नैनाँ तिरे जादू हैं गेसू तिरे ख़ुश्बू हैंबातें किसी जंगल में भटका हुआ आहू हैं
शहर में दर-ब-दर भटकता हैतेरा कांधा मिले तो सर टेकूँ
मैं काएनात में सय्यारों में भटकता थाधुएँ में धूल में उलझी हुई किरन की तरह
किस से कहे अब रूह की बिपता किस को सुनाए मन की बातदूर की राह भटकता राही जीवन-रात घनेरी रात
हम से पूछो तो न आएगा वो जाने वालातुम तो नाहक़ को भटकने का बहाना ढूँडो
सैंकड़ों सम्तों में भटका हआ मन ठहरे ज़रादिल धड़कता है तो बस दौड़ती टापों की सदा आती है
चमकता है बुझता है थर्रा रहा हैभटकने की जुगनू सज़ा पा रहा है
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books