आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "महव-ए-रुमूज़-ए-साज़"
नज़्म के संबंधित परिणाम "महव-ए-रुमूज़-ए-साज़"
नज़्म
हम कि रुम्माज़-ए-रुमूज़-ए-ग़म-ए-पिन्हानी हैं
अपनी गर्दन पे भी है रिश्ता-फ़गन ख़ातिर-ए-दोस्त
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
तू ने की तख़्लीक़ ऐ महव-ए-ख़िराम-ए-जुस्तुजू
क़तरा-ए-ख़ून-ए-जिगर से काएनात-ए-रंग-ओ-बू
मयकश अकबराबादी
नज़्म
बिर्ज लाल रअना
नज़्म
ज़िंदगी महव-ए-सफ़र है नए अंदाज़ के साथ
हैं लब-ए-शौक़ पे मंज़िल के तराने रक़्साँ
ज़हीर नाशाद दरभंगवी
नज़्म
इक सीमीं-बदन इक तौबा-शिकन है महव-ए-ख़िराम इस्टेशन पर
माह-ए-ताबाँ माह-ए-रौशन माह-ए-कामिल माह-ए-अनवर
सलाम संदेलवी
नज़्म
रज़ी हैदर
नज़्म
शाख़ों पे सुर्ख़-ओ-ज़र्द शगूफ़े हैं महव-ए-ख़्वाब
ख़्वाब-ए-गिराँ से जागने वाला है आफ़्ताब