aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "रद्द-ओ-बदल"
रद्द-ओ-बदल से इंकारी हूँजिस वादी में
याग़ज़ल के शे'र में रद्द-ओ-बदल कर के
और फोटोकॉपी की क़ीमतों में रद्द-ओ-बदल सेज़िंदगी और ख़्वाहिश-ए-ज़िंदगी के
साक़ी ये दाम देने में गर रद्द-ओ-कद करेंबढ़ कर जनाब-ए-शैख़ की पगड़ी उछाल दे
और जज़्बात से ख़ाली दिलनेक-ओ-बद के एहसास से मावरा
क़ब्ल अज़ीं कि ना-रसा इदराक सेतह-ब-तह होने न होने के
उदास-ओ-बद-दिल न था न हूँ मैंयहीं से मुझ को नए सफ़र की नवेद भी है
किसी की सदा थीमुझे नेक-ओ-बद से तअ'ल्लुक़ नहीं
दुनिया के नेक-ओ-बद सेकीने से और हसद से
कोई नेक-ओ-बद ही सोचोकहीं आँख जम न जाए
नेक-ओ-बद की तराज़ू उठाए हुएअपने जज़्बात में आप घुटती रही
मुहासबा कर रहे थे दिन भर के नेक ओ बद कातवील क़ामत हज़ीं खजूरें
अजब पागल सी लड़की थीअजब सी ख़्वाहिशें उस की
क़ैद-ओ-बंद के जल्लादतुम को पा नहीं सकते
ऐश का दिल-ओ-बदन ग़ारत-ए-ज़िंदगी का फ़नएक बटन का मरहला
किसी ने मुझ को ज़िंदा दफ़नाया नहींजब मेरे पर-ओ-बाल निकलना शुरूअ' हुए
न हराम-ओ-हलाल की तफ़रीक़और न कुछ इम्तियाज़-ए-नेक-ओ-बद
बे-पर-ओ-बाल किया करती हैवक़्त की ताल को बे-ताल किया करती है
और बे-नियाज़ नेक-ओ-बद हैफिर भी नज़र में आदमी की औक़ात
मैं उन्हें कैसे बताऊँ कि यही मौसम हैजब परिंदों के पर-ओ-बाल निकल आते हैं
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