आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "हिदायत"
नज़्म के संबंधित परिणाम "हिदायत"
नज़्म
साहिर लुधियानवी
नज़्म
सो इस चर्ख़े की कूक अब किस लिए चुप है
कहानी का हिदायत-कार भी शायद तिरी आँखों की गहराई से ख़ाइफ़ था
रहमान फ़ारिस
नज़्म
सो इस चर्ख़े की कूक अब किस लिए चुप है
कहानी का हिदायत-कार भी शायद तिरी आँखों की गहराई से ख़ाइफ़ था
रहमान फ़ारिस
नज़्म
अफ़्साने जिस के शम-ए-हिदायत थे बर-महल
ना-वक़्त आह हो गया वो लुक़्मा-ए-अजल