आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "aap kaa aitabaar kaun kare"
नज़्म के संबंधित परिणाम "aap kaa aitabaar kaun kare"
नज़्म
जो लुट कर आए हैं उन को सब्र आते आते आएगा
लेकिन इस बेहिस दुनिया में एहसास-ए-हक़ीक़त कौन करे
अबुल फ़ितरत मीर ज़ैदी
नज़्म
लब पे अफ़्सुर्दा तबस्सुम के सिवा कुछ भी नहीं
फिर भी महरूमी-ए-क़िस्मत का गिला कौन करे
शम्स फ़रीदी
नज़्म
देना भाई हाँ मुझे भी शाम का अख़बार एक
फिर किसी ठंडे लहू ने गर्म की होगी ख़बर