आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "asar"
नज़्म के संबंधित परिणाम "asar"
नज़्म
असर कुछ ख़्वाब का ग़ुंचों में बाक़ी है तू ऐ बुलबुल
नवा-रा तल्ख़-तरमी ज़न चू ज़ौक़-ए-नग़्मा कम-याबी
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
सारे जहाँ को जिस ने इल्म ओ हुनर दिया था
मिट्टी को जिस की हक़ ने ज़र का असर दिया था
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
मौज-ए-मुज़्तर थी कहीं गहराइयों में मस्त-ए-ख़्वाब
रात के अफ़्सूँ से ताइर आशियानों में असीर
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
अता ऐसा बयाँ मुझ को हुआ रंगीं-बयानों में
कि बाम-ए-अर्श के ताइर हैं मेरे हम-ज़बानों में
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
ज़बाँ पर हैं अभी इस्मत ओ तक़्दीस के नग़्मे
वो बढ़ जाती है इस दुनिया से अक्सर इस क़दर आगे
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
नग़्मा-ए-बुलबुल हो या आवाज़-ए-ख़ामोश-ए-ज़मीर
है इसी ज़ंजीर-ए-आलम-गीर में हर शय असीर
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
रूह को उस की असीर-ए-ग़म-ए-उल्फ़त न करूँ
उस को रुस्वा न करूँ वक़्फ़-ए-मुसीबत न करूँ
नून मीम राशिद
नज़्म
ये हिन्दियों की फ़िक्र-ए-फ़लक-रस का है असर
रिफ़अत में आसमाँ से भी ऊँचा है बाम-ए-हिंद