aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "gumshuda-e-kuu-ba-kuu"
कू-ब-कू जा-ब-जा है इंटरनेटजहाँ देखो लगा है इंटरनेट
न है आँख को कोई जुस्तुजू न है क़ल्ब को कोई आरज़ून है ज़ौक़-ए-सैर-ए-बहार-जू न है शौक़-ए-शोहरत-ए-कू-ब-कू
दरिया दरियाकू-ब-कू
क़र्या क़र्याकू-ब-कू
रात की फ़ज़ाओं मेंकू-ब-कू भटकती है
और शोरीदा समंदरकू-ब-कू बाँहें पसारे
ले जाएँगे मुझे कू-ब-कूबहुत मंज़िलें हैं यहाँ वहाँ
उसे फिर कू-ब-कू फिराती हैरोज़ ये कारोबार जारी है
रास्ता रास्ता कू-ब-कू देखता हूँमैं कि शब-गर्द शाइर
कू-ब-कू, क़र्या क़र्या उसे हम बुलाते रहेमंज़िलों, मंज़िलों
महफ़िल-ब-महफ़िल कू-ब-कूसद मर्हबा पूरी हुई
इल्म को कर दो कू-ब-कू अर्ज़ांहिन्द को कर दिखाओ इंगलिस्ताँ
तू सरापा हर एक मंज़र मेंऔर ख़ुशबू भी कू-ब-कू तेरी
एक ताइर की पर्वाज़-ए-बे-जुस्तुजूएक आवाज़ भटकी हुई कू-ब-कू
ख़ौफ़-ओ-दहशत कू-ब-कूज़ाफ़रानी ख़ुशबुओं में बस गई बारूद बू
चला मैं दो क़दम राह-ए-मोहब्बतकि चर्चा कू-ब-कू है और में हूँ
उस को आवाज़ देते रहे चार-सूकू-ब-कू क़र्या क़र्या उसे हम बुलाते रहे
उठे जहाँ से भी गुज़रूँ फ़क़त तिरी ख़ुश्बूकरे तवाफ़ मिरा कू-ब-कू फ़क़त तो हो
बादलों के पार से निकल के रू-ब-रूख़िराम-ए-नूर कू-ब-कू
फिरे कू-ब-कू अक़्ल की रहबरी मेंग़रज़ ये कि खो कर भी, पा कर भी देखा
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