aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "milan"
जाग उठा है सारा आलमजाग उठी है रात मिलन की
ये मिलन की ना मिलन कीये लगन की और जलन की
ना तुर्बत ना कतबा कोई ना हड्डी ना मासफिर भी पागल नैनाँ को थी पिया मिलन की आस
सर पर है घनघोर बदरियादिल में लगन प्रीतम के मिलन की
विसाल-ए-यार तो बस चंद लम्हों का मज़ा देगामिलन हो फिर जुदाई ऐसा पल हर पल सज़ा देगा
मिलन की ख़्वाहिश फ़ितरी थीमर्द ने मछली से इल्तिजा की
मिलन की शुभ घड़ी का उसे अभी है यक़ीनइस के ख़ुश्क होंटों पे है मेरा ही नाम
बिछड़े हुओं को बिछड़े हुओं से मिलाए हैहर सम्त ईद जश्न-ए-मोहब्बत मनाए है
ईद मिलन को पहुँचे घर घरकितने ख़ुश थे बाहम मिल कर
घटा है घनघोर रात काली फ़ज़ा में बिजली चमक रही हैमिलन का सीना उभार पर है बिरह की छाती धड़क रही है
और मिलन की उस घड़ी मेंउस सुनहरे दिन के पस-मंज़र में
ऐ दोशीज़ा! मत घबराअब सूरज डूबने वाला है
मिलन की राग जनता की ज़बाँ हैबड़ा प्यारा मिरा हिन्दोस्ताँ है
उस को सब कुछ मिला जिस को वो मिल गएवो हैं बे-आस की आस निर्धन के धन
वफ़ा की बातें मिलन की रातेंवही हुआ ना कि जिस का डर था
मधुर मिलन की घड़ी
हर आग़ाज़ पहुँचता है अंजाम कोमिलन का पीछा करती है जुदाई
आज हर इक नर-नारी के लब पर है उन्हीं का नामहर मज़हब हर धर्म के बंदे गले मिलन को आएँ
बिछड़ के तुम से मिलन की लज़्ज़तथकन हमारी समेट लेना
न तेरे फूल होंटों सेमिलन की शोख़ बातों के सुनहरी रंग में लिपटी
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