आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "murda-dil"
नज़्म के संबंधित परिणाम "murda-dil"
नज़्म
नज़र आएँगे हर सू शम-ए-आज़ादी के परवाने
हज़ारों मुर्दा दिल हो जाएँगे बेदार फाँसी से
सरदार नौबहार सिंह साबिर टोहानी
नज़्म
मगर ये मुर्दा-दिल आदी है बस ग़मगीं ख़यालों का
घटा आती नहीं ख़ुशियों की बारिश ला नहीं सकती
मीराजी
नज़्म
दिल-ए-मुर्दा को हो वो जज़्बा-ए-बेताब अता
मरज़-ए-पस्ती-ए-मिल्लत का जो दरमाँ कर दे