आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sahtii"
नज़्म के संबंधित परिणाम "sahtii"
नज़्म
अहल-ए-ग़म के साथ उन का दर्द-ओ-ग़म सहती हूँ मैं
काँपते होंटों पे बन कर बद-दुआ' रहती हूँ मैं
अली सरदार जाफ़री
नज़्म
वही रस्में निभाती हूँ वही दुख दर्द सहती हूँ
मगर मैं अहद-ए-हाज़िर के रवय्यों से भी वाक़िफ़ हूँ
फ़रहत परवीन
नज़्म
अक़ल्लीयत कहीं की हो तह-ए-ख़ंजर ही रहती है
हलाकत-ख़ेज़ हाथों के हज़ारों जब्र सहती है